उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कह्यो है के तालीम समाज मांय बदलाव अर बराबरी लावण रो सब ऊं मोटो जरियो है। वे बुधवार ने झुंझुनूं ज़िला मांय काजरा रा जवाहर नवोदय विद्यालय रा विद्यार्थियां ने सम्बोधित कर रह्या हा। श्री धनखड़ कह्यो के शिक्षा ऊं जो चरित्र मिले है, वां ऊं इंसान रा व्यक्तित्व री ठा पड़े है। वे अनुशासन, संस्कार अर मानव निर्माण रा महत्त्व माथे जोर दीनो। वे कह्यो के बच्चां ने कम उम्र मांय ई नैतिक संस्कार देवण सागे भाईचारा अर अनुशासन री सीख देवणी चाहिजे। उपराष्ट्रपति कह्यो के देश री आत्मा गांवाई हलकां मांय है अर पंचायती राज अर नगर पालिका सरीखी संस्थावां रे मार्फत लोकतंत्र ने ज़मीनी स्तर तांई मज़बूत बणायी ज्यो है। उपराष्ट्रपति राष्ट्रीय शिक्षा नीति ने “गेम-चेंजर” बताता थकां कह्यो के तीन दशकां पाछे विद्यार्थियां ने कौशलयुक्त बणावण वाळी शिक्षा नीति मिली है। वे विद्यार्थियां ने पर्यावरण रा प्रति जागरूक करता थकां वां रा दादा-दादी अर नाना-नानी रा नाम ऊं पौधा रोपण री अपील कीनी।