उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कह्यो है के भणाई-लिखाई ने कारोबार बणावण ऊं भणाई री गुणवत्ता माथे गलत असर पड़ रह्यो है। वे थावर ने सीकर मांय एक गैर-सरकारी शिक्षण संस्थान री ओर ऊं राख्यी ज्या कार्यक्रम मांय बोल रह्या हा। उपराष्ट्रपति कह्यो के भणाई-लिखाई कदे ई आमदनी रो जरियो नी रही बल्कि त्याग, दान अर स्वस्थ समाज बणावण रो जरियो रही है। धनखड़ कह्यो के अनुसंधान अर नवाचारां रो सब ऊं बत्तो फायदो उद्योगां ने मिले है, जो दुनिया सामी देश ने ताकत देवे है। वे कह्यो के भारत मांय भणाई-लिखाई रा मोकळा मौका है अर संस्थानां अर उद्योग जगत ने वां ने ईं बाबत् जाणकारी देवणी चाहिए। धनखड़ कह्यो के इण ऊं देश री प्रतिभा दूजा देशां मांय जावण अर विदेशी मुद्रा री हानि रुकेला।