प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि देश का इतिहास दासता की कथा नहीं बल्कि वीरता, बलिदान और नायकों का इतिहास है। श्री मोदी ने कहा कि लोगों को स्वतंत्रता के बाद गलत ढंग से लिखे गए इतिहास को बदलना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्यवश ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने कहा कि देश अब ब्रिटिश शासन के बाद हुई गलतियों को सुधार रहा है। नई दिल्ली में लाचित बरफुकन की 400वीं जयंती समारोह के समापन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि लाचित बरफुकन ने हमें अपने कार्यों से देशभक्ति का पाठ पढ़ाया। उन्होंने कहा कि लाचित बरफुकन देश के महान योद्धा थे। श्री मोदी ने अहोम राजवंश का उल्लेख करते हुए कहा कि लाचित बरफुकन के नेतृत्व में अहोम सेना ने मुगलों को पराजित किया और गुवाहाटी को औरंगजेब के कब्जे से मुक्त कराया। उन्होंने कहा कि सराई घाट का युद्ध मातृभूमि के प्रति लाचित बरफुकन के प्रेम का प्रमाण था।
इस अवसर पर केन्द्रीय मंत्री सर्बानंद सोनावाल ने लाचित बरफुकन को साहस का प्रतीक बताया। पूर्वोत्तर के विकास में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चर्चा करते हुए श्री सोनोवाल ने कहा कि श्री मोदी लगातार क्षेत्र के उत्थान के लिए कार्य कर रहे हैं। असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्व सरमा ने अपने भाषण में कहा कि लाचित बरफुकन की जयंती के सिलसिले में तैयार किये गए ऐप पर 40लाख लोगों ने इस महान योद्धा पर अपने विचार दर्ज किये। श्री सरमा ने कहा कि सराई घाट का युद्ध देश के इतिहास की महत्वपूर्ण घटना है जिसमें लाचित बरफुकन ने मुगलों को पराजित किया और औरंगजेब के विस्तार पर रोक लगाई। मुख्यमंत्री ने कहा कि लाचित बरफुकन देश के नायक थे और लोगों को उनकी वीरता और देशभक्ति पर चर्चा के लिए आगे आना चाहिए।