विदेश मंत्रालय ने कहा है कि आठ भारतीयों को मृत्युदंड देने का कतर न्यायालय का फैसला गोपनीय है और इसे केवल कानून संबंधी टीम के साथ साझा किया गया है। मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने बताया है कि इस मामले में कानून के अनुसार कदम उठाये गये हैं और अपील दायर की गई है। उन्होंने सबसे अपील की कि मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए वे किसी प्रकार की अटकलें न लगाएं।
श्री बागची ने कहा कि मंत्रालय इस मामले में कतर के अधिकारियों से बातचीत करता रहेगा। उन्होंने बताया कि मंगलवार को, कतर में भारतीय दूतावास को बंदियों तक एक और कंसुलर पहुंच प्राप्त हुई। मंत्रालय इन लोगों के परिवार के सदस्यों के संपर्क में है और विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर ने इस महीने के शुरूआत में उनसे मुलाकात की थी।
इजराइल में फिलिस्तिनी कामगारों की जगह भारतीय कामगारों की नियुक्ति के सवाल पर श्री बागची ने कहा कि भारत अपने नागरिकों को विश्व में रोजगार सुलभ कराने कि दिशा में काम करता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत कई देशों के साथ मोबिलिटी समझौते के बारे में बातचीत करता रहा है। उन्होंने बताया कि इजराइल में विशेषकर देखभाल क्षेत्र में कई भारतीय कर्मी हैं। भारत निर्माण और देखभाल क्षेत्र में द्विपक्षीय फ्रेमवर्क के बारे में चर्चा करता रहा है।
एयर इंडिया को आतंकी धमकियों पर प्रवक्ता ने कहा कि भारत इस प्रकार की कार्रवाईयों की दृढता से निन्दा करता है। उन्होंने कहा कि भारत कट्टरपंथी और आतंकी तत्वों की गतिविधियों पर विदेशी सरकारों के साथ बातचीत करता रहा है। उन्होंने कहा कि भारत इन आतंकवादी तत्त्वों को शरण न देने के लिए इन सरकारों पर दबाव बनाना जारी रखेगा।