A-
A
A+
आखरी अपडेट :
Sep 30 2023 10:24PM
स्क्रीन रीडर का उपयोग
भाषा चुनें
अंग्रेज़ी
हिंदी
गुजराती
मराठी
उर्दू
Tamil/तामिल
Dogri/डोगरी
Assamese/असमिया
Rajasthani/राजस्थानी
मुख्य पृष्ठ
राष्ट्रीय
अंतर्राष्ट्रीय
राज्य
सभी राज्य
बिहार
उत्तर प्रदेश
मध्य प्रदेश
झारखंड
उत्तराखंड
छत्तीसगढ
हिमाचल प्रदेश
व्यापार
खेल
क्षेत्रीय
ऑडियो
लिखित
समाचार सेवा प्रभाग
ऑडियो
लिखित
पुरालेख
मुख्य ऑडियो पुरालेख
क्षेत्रीय समाचार इकाई पुरालेख
लिखित समाचार पुरालेख
मुख्य लिखित बुलेटिन पुरालेख
मुख्य समाचार
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश भर के 500 आकांक्षी प्रखंडों में संकल्प सप्ताह का शुभारंभ किया
          
प्रधानमंत्री ने बिलासपुर में महासंकल्प रैली को संबोधित करते हुए कहा- भारतीय जनता पार्टी की सरकार हमेशा छत्तीसगढ़ के विकास के लिए प्रतिबद्ध
          
जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा जिले के माचल सैक्टर में सेना और पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में दो आतंकवादी मारे गये
          
मौसम विभाग ने देश से मानसून की विदाई की घोषणा की
          
भारत 10 स्वर्ण, 14 रजत तथा 14 कांस्य पदक के साथ कुल 38 पदक लेकर पदक तालिका में चौथे स्थान पर
          
मुख्य पृष्ठ
विस्तार
May 31, 2023
,
12:12PM
अराकू कॉफी और काली मिर्च को मिला जैविक प्रमाणपत्र
FILE PIC
आंध्र प्रदेश में विशाखापत्तनम के गिरिजन को-ऑपरेटिव कॉरपोरेशन यानी जीसीसी को अपनी प्रसिद्ध अराकू कॉफी और काली मिर्च की फसलों के लिए जैविक प्रमाणपत्र मिल गया है। गिरिजन को-ऑपरेटिव कॉरपोरेशन को कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण यानी एपीईडीएने इसे जैविक दर्जा प्रदान किया है। इस प्रमाणीकरण से कॉफी और काली मिर्च उत्पादों को बाजार में बेहतर मूल्य मिलने की उम्मीद है।
इस कॉफी और काली मिर्च को 21 हजार 104 एकड़ क्षेत्र में उगाया जाता है। अराकू कॉफी और काली मिर्च की पैदावार आन्ध्रप्रदेश के चिंतापल्ली डिवीजन और जीके वीधी मंडल में गोंडीपाकालु, लम्मासिंगी, कप्पलु, जीके वीधी, पेदावलसा और एराचेरुवुलु इलाके में होती है। जिन्हें 1,300 से अधिक आदिवासी किसान उगाते हैं। फिलहाल इनके खेतों का तृतीय-पक्ष से प्रमाणीकरण कराके, उनका ऑनलाइन पंजीकरण, जियो-टैगिंग और एपीडा पोर्टल में सभी जरूरी जानकारियों को अपडेट करना गिरिजन को-ऑपरेटिव कॉरपोरेशन के लिए बड़ी चुनौती थी।
जीसीसी का जैविक प्रमाणीकरण अराकू कॉफी और काली मिर्च के लिए मील का पत्थर है। हालांकि इनके किसानों के लिए अपनी फसलों की जैविकता बचाए रखना भी बड़ी चुनौती है। खास स्वाद और उत्पादन विधि के चलते अराकू कॉफी की वैश्विक कॉफी बाजार में विशेष पहचान है। इसकी वजह से दुनियाभर के काफी शौकीनों की यह प्रीमियम पसंद भी है।
अराकू कॉफी की विशेषता
भारत के आंध्र प्रदेश में हरी-भरी घाटी अराकू घाटी में इस कॉफी की खेती यहां के संरक्षित पारिस्थितिकी तंत्र में की जाती है, जो कॉफी उत्पादन के लिए काफी मुफीद है। अराकू घाटी का मौसम कॉफी उत्पादन के लिए विशेष है। यहां दिन में गर्मी रहती है, जबकि रातें बेहद ठंडी होती है। इसके साथ ही यहां की मिट्टी में भरपूर आयरन है। इसकी वजह से यहां उत्पादित होने वाली काफी धीरे-धीरे पकती है और उसकी विशेष सुगंध बरकरार रहती है।
अरबी कॉफी की प्रजाति
आंध्र प्रदेश और ओडिशा में उगाई जाने वाली यह कॉफी, अरबी कॉफी प्रजाति से है। अरेबिका कॉफी मूल रूप से इथियोपिया के दक्षिण-पश्चिमी द्वीपों के जंगलों में उगती है। इसे "अरब की कॉफी झाड़ी", "माउंटेन कॉफी" या "अरेबिका कॉफी" के रूप में भी जाना जाता है। अराकू वैली में इसे उगाया जाता है, जो उड़ीसा के कोरापुट जिले और आंध्र के विशाखापत्तनम जिले के पहाड़ी ट्रैक तक फैली है। यह इलाका समुद्र तल से औसतन 900 से 1100 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।
अराकू कॉफी के लिए भौगोलिक क्षेत्र
आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम जिले और उड़ीसा के कोरापुट जिले के आसपास के क्षेत्रों में कॉफी की खेती के लिए आवश्यक बुनियादी भौतिक और जलवायु परिस्थिति है। यह पहाड़ी क्षेत्र में 3000 से 5300 फीट की ऊंचाई पर उगाई जाती है। जहां काफी उगाई जाती है, वहां दक्षिण-पश्चिमी और उत्तर-पूर्वी मानसून बेहद मेहरबान रहता है। यहां औसतन 1250 से 1500 मिमी बारिश होती है, जबकि यहां के वातावरण की आर्द्रता 68 से 92 प्रतिशत के बीच रहती है। यहां की 6.0 से 6.5 के पीएच स्तर वाली मिट्टी रेतीली और दोमट है। यह इलाका तीव्र ढलुआ है।
अराकू कॉफी के लिए उपयुक्त मिट्टी
अराकू घाटी की लाल लेटराइट मिट्टी इस कॉफी के लिए बेहतर है। इस कॉफी की पैदावार विशेष तौर पर कार्बनिक पदार्थ युक्त अम्लीय मिट्टी में होती है। इसकी वजह से पौधों को पोटेशियम खूब मिलता है, जबकि फास्फोरस कम होता है। अराकू घाटी में कॉफी उत्पादन के लिए मिट्टी में कैल्शियम और मैग्नीशियम डालने की जरुरत नहीं होती।
अराकू कॉफी की खासियत
अराकू क्षेत्र की कॉफी हल्के से मध्यम शरीर वाली, हल्की अम्लता और गुड़ की हल्की मिठास के साथ कुछ-कुछ अंगूर जैसी खट्टी होती है । अराकू घाटी की कॉफी में कभी-कभी शहद जैसी मिठास तो कभी-कभार वाइन का हल्का स्वाद के साथ ही कई बार चेरी जैसे फलों का भी स्वाद मिलता है।
Related News
126047
ट्विटर अपडेट
Tweets by AIRNewsHindi
समाचार सुनें
English
Morning News 30 (Sep)
Midday News 30 (Sep)
News at Nine 30 (Sep)
Hourly 30 (Sep) (2200hrs)
हिन्दी
समाचार प्रभात 30 (Sep)
दोपहर समाचार 30 (Sep)
समाचार संध्या 30 (Sep)
प्रति घंटा समाचार 30 (Sep) (2205hrs)
ارد و
Khabarnama (Mor) 30 (Sep)
Khabrein(Day) 30 (Sep)
Khabrein(Eve) 30 (Sep)
News Magazine (Hindi/English)
Aaj Savere 30 (Sep)
Parikrama 30 (Sep)
समाचार पढ़ें
English
MORNING NEWS
MIDDAY NEWS
NEWS AT NINE
हिन्दी
समाचार प्रभात
दोपहर समाचार
समाचार संध्या
News Magazine (Hindi/English)
Aaj Savere
Parikrama
कार्यक्रम सुनें
दैनिक प्रसारण
Market Mantra 30 (Sep)
Samayki 1 (Jan)
Sports Scan 30 (Sep)
Spotlight/News Analysis 30 (Sep)
साप्ताहिक प्रसारण
Public Speak
Country wide 28 (Sep)
Surkhiyon Mein 30 (Sep)
Charcha Ka Vishai Ha 27 (Sep)
Vaad-Samvaad 17 (Mar)
Money Talk 26 (Sep)
Current Affairs 29 (Sep)
विशेष कार्यक्रम
Special Programs
डिजिटल प्रोग्राम
×
All donations towards the Prime Minister's National Relief Fund(PMNRF) and the National Defence Fund(NDF) are notified for 100% deduction from taxable income under Section 80G of the Income Tax Act,1961""