मुख्यमंत्री ने भूस्खलन से संबंधित चेतावनी प्रणाली को विकसित किये जाने और आपदा की चुनौतियों का आपसी समन्वय से सामना किये जाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि आपदा मद में धनराशि की सीमा बढ़ाये जाने से निर्माण कार्य बेहतर ढंग से हो सकेंगे। आपदा पीड़ितो की सहायता और पुननिर्माण कार्यों के लिए धनराशि की कमी नहीं होने दी जाएगी।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश में आपदा के दौरान राहत और बचाव कार्यों में जिलाधिकारियों के प्रयासों की सराहना करते हुए आपदा के समय प्रतिक्रिया समय को और बेहतर बनाये जाने को कहा।
मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारियों से वृक्षारोपण की रिपोर्ट तैयार करने और अमृत सरोवरों की स्थिति की भी जानकारी उपलब्ध कराने को कहा। उन्होंने सितंबर में भी बारिश की संभावना के मद्देनज़र सभी अधिकारियों को सतर्क रहने और बारिश के होने वाली बीमारियों की रोकथाम के लिए प्रभावी कार्ययोजना तैयार किये जाने के निर्देश दिए।