उत्तराखंड राज्य मंत्रिमंडल ने लोगों को असीमित भूमि खरीदने से रोकने वाले एक कड़े भूमि कानून को मंजूरी दे दी है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह फैसला लिया गया। कैबिनेट के फैसले के तुरंत बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में कहा कि राज्य के लोगों की लंबे समय से चली आ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरा सम्मान करते हुए कैबिनेट ने इस कानून को मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक विरासत और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करेगा। साथ ही राज्य की मूल पहचान को बनाए रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार लोगों के हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और उनकी सरकार लोगों के भरोसे को कभी टूटने नहीं देगी।
“राज्य, संस्कृति और मूल स्वरूप की रक्षक हमारी सरकार !”
प्रदेश की जनता की लंबे समय से उठ रही मांग और उनकी भावनाओं का पूरी तरह सम्मान करते हुए आज कैबिनेट ने सख्त भू-कानून को मंजूरी दे दी है। यह ऐतिहासिक कदम राज्य के संसाधनों, सांस्कृतिक धरोहर और नागरिकों के अधिकारों की रक्षा… pic.twitter.com/FvANZxWiEB
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 19, 2025
मुख्यमंत्री ने पिछले साल सितंबर में राज्य में कड़ा भूमि कानून लाने की बात कही थी।
यह कानून राज्य के दो मैदानी जिलों-हरिद्वार और उधम सिंह नगर में भूमि लेनदेन पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाएगा। जिला मजिस्ट्रेटों के पास अब व्यक्तिगत रूप से भूमि खरीद की अनुमति देने के अधिकार नहीं होंगे। यह अधिकार अब राज्य सरकार को हस्तांतरित कर दिए गए हैं।
उत्तराखण्ड के मूल स्वरूप को बनाए रखने के लिए सख़्त भू-क़ानून को कैबिनेट ने किया मंज़ूर..#Uttarakhand pic.twitter.com/rrzt9NB1Tl
— Pushkar Singh Dhami (@pushkardhami) February 19, 2025
इससे पहले उत्तराखंड के भूमि खरीद कानूनों में पहले भी कई बार संशोधन किए जा चुके हैं। नए कानून के तहत भूमि की सुरक्षा और राज्य की विशिष्ट पहचान को बनाए रखने के लिए ठोस कदम उठाए गए हैं। सरकार को उम्मीद है कि यह निर्णय अनियंत्रित भूमि खरीद को प्रभावी ढंग से नियंत्रित करेगा और उत्तराखंड की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने में सहायक होगा।