राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू तीन देशों – फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर लेस्ते की यात्रा समाप्त करने के बाद आज शाम नई दिल्ली लौट आई। उनकी इस यात्रा के दौरान द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के अलावा महत्वपूर्ण क्षेत्रों में समझौता ज्ञापनों और द्विपक्षीय समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए। भारतीय प्रवासियों के साथ मुलाकात और संवाद इस यात्रा का प्रमुख पहलू था।
न्यूजीलैंड से द्विपक्षीय सीमा शुल्क सहयोग व्यवस्था पर हस्ताक्षर किए गए हैं जिससे दोनों देशों के बीच व्यापार में सुगमता की आशा है। न्यूजीलैंड ने इस क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान और विकास के अवसर बढ़ाने का मार्ग प्रशस्त करने वाले अंतर्राष्ट्रीय सौर गठबंधन का अनुमोदन भी किया। दोनों देश जामनगर में परंपरागत औषधियों के लिए वैश्विक केन्द्र के माध्यम से परंपरागत औषधियों के क्षेत्र में सर्वोत्तम कार्यों के आदान-प्रदान पर भी सहमत हुए।
तिमोर लेस्ते में, प्रसार भारती और तिमोर के सार्वजनिक प्रसारक – रेडियो टेलीविसॉन तिमोर लेस्ते के बीच सहयोग, आधिकारिक तथा राजनयिक पासपोर्ट धारकों के लिए वीजा छूट और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रम पर सहयोग के समझौता ज्ञापनों का आदान-प्रदान किया गया।
फिजी में, सौ बिस्तरों वाले सुपर स्पेशलिटी कार्डियोलॉजी अस्पताल के लिए परियोजना स्थल आवंटित करने वाले दस्तावेजों का औपचारिक रूप से आदान-प्रदान किया गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को इस दौरान फिजी और तिमोर लेस्ते के सर्वोच्च नागरिक सम्मान – कंपेनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी और ग्रैंड कॉलर ऑफ द ऑर्डर ऑफ तिमोर लेस्ते से सम्मानित किया गया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की ये राजकीय यात्रा इन देशों के साथ न केवल भारत की गहरी ऐतिहासिक साझेदारी को मजबूत करने में सहायक होंगी बल्कि नए क्षेत्रों तक भी उसका विस्तार करेगी। यह यात्रा एक्ट ईस्ट पॉलिसी के अनुरूप हिंद-प्रशांत और दक्षिण पूर्व एशिया में भारत के रणनीतिक महत्व को भी रेखांकित करती है।