इस शिखर सम्मेलन के दौरान तमाम नेता पिछले दो दशकों में संगठन की गतिविधियों की समीक्षा और बहुपक्षीय सहयोग की स्थिति तथा संभावनाओं पर चर्चा करेंगे। बैठक में क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के सामयिक मुद्दों पर भी चर्चा होने की उम्मीद है।
शंघाई सहयोग संगठन में भारत की प्राथमिकताएं प्रधानमंत्री के ‘सिक्योर’ एससीओ के दृष्टिकोण पर केंद्रित हैं। इसका अर्थ- सुरक्षा, आर्थिक सहयोग, संपर्क, एकता, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए सम्मान तथा पर्यावरण संरक्षण है। भारत ने एससीओ की अपनी पहली अध्यक्षता के अंतर्गत पिछले साल 4 जुलाई को वर्चुअल माध्यम से एससीओ राष्ट्राध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक की मेजबानी की थी।
इससे पहले कल डॉ. एस जयशंकर ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और कजाकिस्तान, रूस, बेलारूस, उज्बेकिस्तान और ताजिकिस्तान के विदेश मंत्रियों से मुलाकात की। उन्होंने अस्ताना के पुश्किन पार्क में महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि भी अर्पित की।