असम में बाढ़ की स्थिति और खराब हो गई है। 28 जिलों के 11 लाख से अधिक लोग बाढ़ का सामना कर रहे हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान तिनसुकिया और धेमाजी में और तीन लोगों की मृत्यु हो गई है जिससे मरने वालों की संख्या बढ़कर 38 हो गई है। वहीं, बिश्वनाथ में एक व्यक्ति के लापता होने की खबर है। बाढ़ के कारण 84 राजस्व क्षेत्र के कुल 2 हजार 208 गांव प्रभावित हुए हैं। पूरे राज्य में 42 हजार हेक्टेयर भूमि पर फसलों को नुकसान पहुंचा है।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने सभी संबंधित मंत्रियों और विधायकों को बाढ़ प्रभावित जिलों का दौरा करने तथा राहत और बचाव कार्य की निगरानी करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने कल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान में बाढ़ की स्थिति की समीक्षा की। जंगल की लगभग 95 चौकियां बाढ़ के पानी में डूबी हुई हैं और पशु पास की पहाड़ियों पर शरण लिए हुए हैं।
उद्यान के अधिकारियों ने पशुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए यातायात के मार्ग में परिवर्तन के निर्देश जारी किए हैं। उद्यान के जरिए भारी वाणिज्यिक वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित कर दी गई है। श्री सरमा ने बाढ़ प्रभावित गोलाघाट जिले का भी दौरा किया।
ब्रह्मपुत्र, बराक और सभी सहायक नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। बाढ़ के कारण 74 सड़कें, 14 तटबंधों और छह पुलों को नुकसान पहुंचा है। राज्य सरकार ने 140 राहत शिविर और 359 राहत वितरण केंद्रों की स्थापना की है। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल और राज्य आपदा मोचन बल के कर्मियों को भी राहत और बचाव अभियानों में तैनात किया गया है।