गृह और सहकारिता मंत्री अमित शाह ने आज नई दिल्ली में एक राष्ट्रीय स्तर के सम्मेलन में सहकारिता मंत्रालय के सौ दिनों में की गई परिवर्तनकारी पहलों की एक श्रृंखला का उद्घाटन किया। श्री शाह ने सहकार-से-समृद्धि विषय के अन्तर्गत मंत्रालय के सौ दिन पहल की शुरुआत की। उन्होंने अछूते गांवों या पंचायतों में दो लाख नए एमपीएसीएस, प्राथमिक डेयरी और मत्स्य सहकारी समितियों के गठन और सुदृढ़ीकरण और श्वेत क्रांति के दूसरे चरण की मानक संचालन प्रक्रिया और सहकारी समितियों के बीच सहयोग पर एक मार्गदर्शिका भी जारी की।
श्वेत क्रांति के दूसरे चरण की पहल का उद्देश्य महिलाओं को सशक्त बनाना, रोजगार सृजित करना और सहकारी क्षेत्र का विस्तार करना है। यह अनुमान लगाया गया है कि डेयरी सहकारी समितियाँ पांचवें वर्ष के अंत तक प्रतिदिन एक हजार लाख किलो दूध की खरीद करेंगी, जिससे ग्रामीण उत्पादकों की आजीविका में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।
श्री शाह ने कहा कि सहकारिता मंत्रालय स्थापित करने की लंबे समय से मांग थी, जिसे एनडीए सरकार ने पूरा किया। उन्होंने कहा कि मंत्रालय के गठन का उद्देश्य सभी गांवों और जिलों में सहकारी क्षेत्र को पुनर्जीवित करना था। श्री शाह ने कहा कि सरकार सहकारिता के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नयी गति दे रही है।
इस अवसर पर केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन, डेयरी और पंचायती राज मंत्री राजीव रंजन सिंह, सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।