केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी-एन टी ए की परीक्षाओं को पारदर्शी, सुचारू और निष्पक्ष संचालन सुनिश्चित करने के लिए एक उच्च स्तरीय विशेषज्ञ समिति का गठन किया है। इसरो के पूर्व अध्यक्ष डॉ. के. राधाकृष्णन की अध्यक्षता में सात सदस्यीय समिति को एनटीए की परीक्षा प्रक्रिया में सुधार की सिफारिश करने का काम सौंपा गया है।
समिति, परीक्षा प्रक्रिया की दक्षता बढ़ाने और अनियमितताओं को रोकने, डेटा सुरक्षा प्रोटोकॉल में सुधार और एजेंसी की संरचना तथा कार्यप्रणाली की समीक्षा करेगी। समिति मौजूदा प्रक्रिया का मूल्यांकन करेगी और सुधार संबंधी सुझाव देगी, साथ ही एनटीए के भीतर स्पष्ट भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को परिभाषित करेगी।
समिति वर्तमान शिकायत निवारण-तंत्र का भी आकलन करेगी और आवश्यक सुधारों का प्रस्ताव करेगी। समिति को दो महीने के भीतर रिपोर्ट देने को कहा गया है।
समिति के सदस्यों में अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान दिल्ली के पूर्व निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर बी.जे. राव, आईआईटी मद्रास के पूर्व प्रोफेसर राममूर्ति के. और आईआईटी दिल्ली में डीन प्रोफेसर आदित्य शामिल हैं।
समिति के गठन के बाद केन्द्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि छात्रों का हित और उज्ज्वल भविष्य सरकार की हमेशा उच्च प्राथमिकता रहेगी। सोशल मीडिया पोस्ट में श्री प्रधान ने कहा कि सरकार पारदर्शी, धांधली और त्रुटि मुक्त परीक्षाएं कराने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विशेषज्ञों की उच्चस्तरीय समिति का गठन परीक्षा प्रक्रिया की दक्षता में सुधार, सभी संभावित कदाचारों पर रोक, डाटा सुरक्षा प्रोटोकॉल को मजबूत बनाने और राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी में समग्र बदलाव की दिशा में पहला कदम है।