जुलाई 24, 2024 6:05 अपराह्न

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लोकसभा में केन्‍द्रीय बजट 2024-25 पर चर्चा शुरू हो गई है

 

 

लोकसभा में केन्‍द्रीय बजट 2024-25 पर चर्चा शुरू हो गई है। साथ ही सदन में केन्‍द्र शासित प्रदेश जम्‍मू-कश्‍मीर के बजट पर भी चर्चा हो रही है।

बहस की शुरूआत करते हुए कांग्रेस की कुमारी शैलजा ने बेरोजगारी का मुद्दा उठाया और कहा कि यह देश में दिन ब दिन बढती जा रही है। उन्‍होंने सवाल किया कि सरकार केन्‍द्र सरकार के विभागों में खाली पडे पदो को भरने के कदम नही उठा रही है। कांग्रेस नेता ने हरियाणा में बेराजगारी का मुद्दा भी उठाया। उन्‍होंने अग्निवीर योजना पर सरकार की आलोचना की और इस योजना को वापस लेने की मांग की। सुश्री शैलजा ने आरोप लगाया कि सरकार ने बजट में किसानो और श्रमिकों की अनदेखी की है। उन्‍होंने मांग की कि सरकार को किसानो को न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य की वैधानिक गारंटी देनी चाहिए और मजदूरो की न्‍यूनतम दिहाडी 400 रूपये प्रतिदिन तय की जाए।

    चर्चा में भाग लेते हुए भारतीय जनता पार्टी के बिप्‍लब कुमार देब ने कहा कि 2014 में जब भाजपा सरकार सत्‍ता में आई थी तब भारत पांच कमजोर देशो में था। श्री देब ने कहा कि नरेन्‍द्र मोदी सरकार ने आर्थिक व्‍यवस्‍था को पारदर्शी बनाया है। उन्‍होंने कहा कि आर्थिक समीक्षा में भारत की सकल घरेलू उत्‍पाद की वास्‍तविक वृद्धि साढे छह से सात प्रतिशत रहने का अनुमान व्‍यक्‍त किया गया है। उन्‍होंने केन्‍द्रीय बजट 2024-25 को देश की आवश्‍यकताओं पर केन्द्रित बजट बताया। श्री देब ने कहा कि 2023-24 की तुलना में पूजीगंत व्‍यय 18 प्रतिशत अधिक रखा गया है जिसका मतलब है कि बुनियादी सेवाओं और रोजगार पर विशेष ध्‍यान दिया गया है। उन्‍होंने वित्‍त और अन्‍य सामाजिक क्षेत्रो में नरेन्‍द्र मोदी सरकार की ओर से उठाए गए कदमो का भी उल्‍लेख किया।  

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