गृह मंत्रालय ने सर्वोच्च न्यायालय के फैसले के अनुपालन में कैदियों के बीच जाति-आधारित भेदभाव से निपटने के लिए मॉडल जेल मैनुअल, 2016 और मॉडल जेल तथा सुधार सेवा अधिनियम, 2023 में संशोधन किया है। इसके अनुसार जेल अधिकारियों को अब जाति-आधारित भेदभाव, वर्गीकरण और अलगाव से सख्ती से निपटना होगा। मंत्रालय ने समानता सुनिश्चित करने के लिए आदतन अपराधी की परिभाषा को बदल दिया है।
पिछले साल अक्टूबर में, सर्वोच्च न्यायालय ने केंद्र सरकार और राज्यों को जेलों में जाति-आधारित भेदभाव से निपटने के लिए अपने जेल मैनुअल और नियमों को संशोधित करने का निर्देश दिया था।