बांग्लादेश आज बौद्धिक शहीदी दिवस मना रहा है। वर्ष 1971 में स्वतंत्रता से दो दिन पहले इस दिन बांग्लादेश में पाकिस्तानी सेना ने ढाका और आसपास के क्षेत्रों में सैकड़ों बौद्धिक व्यक्तियों की हत्या कर दी थी। इनमें अध्यापक, पत्रकार, डॉक्टर और अन्य व्यक्ति शामिल थे।
पाकिस्तानी सेना ने स्थानीय संगठन रजाकार, अल–बद्र और अल–शम्स से मिलकर देश में ज्यादातर बौद्धिक व्यक्तियों को मार दिया था। बांग्लादेश को 16 दिसम्बर 1971 में स्वतंत्रता मिली थी। बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन और अंतरिम सरकार के प्रमुख डॉक्टर मोहम्मद युनूस ने बौद्धिक शहीदों को श्रद्धांजलि दी। उन्होंने मीरपुर में बौद्धिक शहीद स्मारक पर पुष्प अर्पित किए। विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता तथा अन्य व्यक्तियों ने ढाका में श्रद्धांजलि दी। बौद्धिक व्यक्तियों को मीरपुर, मोहम्मदपुर, नखलपाड़ा, राजारबाग तथा अन्य स्थानों पर प्रताड़ना केन्द्रों में रखा गया था। बाद में इन्हें मार दिया गया।