प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भूटान के प्रधानमंत्री टोबगे ने आज थिम्पू में भारत की सहायता से बनाए गए ग्यालत्सुएन जेटसन पेमा मातृ एवं शिशु अस्पताल का उद्घाटन किया। भारत के सहयोग से बनाया गया 150 बिस्तरों वाला यह अस्पताल दो चरणों में बना है।
पहले चरण के निर्माण-कार्य पर 22 करोड़ रुपये की लागत आई है और यह वर्ष 2019 से कार्य कर रहा है। 2019 में दूसरे चरण का निर्माण कार्य 12वीं पंचवर्षीय योजना के हिस्से के रूप में किया गया और इस पर 119 करोड़ रुपये की लागत आई।
भूटान में नवनिर्मित अस्पताल मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में वृद्धि करेगा। अस्पताल में बाल रोग, स्त्री रोग और प्रसूति विज्ञान, एनेस्थेसियोलॉजी, ऑपरेशन थिएटर, नवजात और बाल गहन देखभाल की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि यह अस्पताल स्वास्थ्य क्षेत्र में भारत-भूटान साझेदारी का ज्वलंत उदाहरण है।
उद्घाटन के पश्चात प्रधानमंत्री श्री मोदी नई दिल्ली के लिए रवाना हो गये। भूटान नरेश जिग्मे खेसर नामग्याल वांगचुक और प्रधानमंत्री टोबगे ने उन्हें हवाई अड्डे पर भावभीनी विदाई दी। एक सोशल मीडिया पोस्ट में, श्री मोदी ने कहा कि उनकी भूटान यात्रा विशेष रही है और उन्हें भूटान के राजा, प्रधानमंत्री तोबगे और अन्य प्रतिष्ठित लोगों से मिलने का अवसर मिला।
उन्होंने यह भी कहा कि इस बातचीत से दोनों देशों के मैत्री संबंध और भी सुदृढ़ होंगे। श्री मोदी ने ऑर्डर ऑफ द ड्रुक ग्यालपो से सम्मानित किये जाने पर भूटान का आभार व्यक्त किया।
उन्होंने उत्साह और आतिथ्य के लिए भूटान के लोगों को धन्यवाद दिया। श्री मोदी ने कहा कि भूटान के लिए भारत हमेशा एक विश्वसनीय मित्र और साझेदार रहेगा।