पूर्व वन अधिकारी ने प्रधानमंत्री से की शिमला में इको टास्क फोर्स तैनात करने की मांग, हो रहा अवैध निर्माण, स्मार्ट नहीं बल्कि स्लम सीटी बन रहा शिमला

शिमला में घटते देवदार के पेड़ों पर चिंता जताते हुए वन विभाग के पूर्व प्रधान मुख्य अरण्यपाल वी पी मोहन ने शिमला में पत्रकार वार्ता कर प्रधानमंत्री से अपील की है कि शिमला डेवलपमेंट प्लान पर संज्ञान ले और वर्तमान में शिमला में चल रहे स्मार्ट सिटी के कामों पर तुरंत रोक लगाएं। इस दौरान उन्होंने कहा कि पर्यावरण क्षेत्र में हिमाचल भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है। ऐसे मे उन्होंने प्रधानमंत्री से मांग की है कि एक टास्क फोर्स को हिमाचल में तैनात किया जाए और पर्यावरण में हो रहे भ्रष्टाचार पर रोक लगाने की हिमाचल शिमला से शुरुआत करें।

वीपी मोहन ने कहा कि शिमला में देवदार के पेड़ों को खत्म कर कंक्रीट के जंगल खड़े किए जा रहे हैं। शिमला का प्राकृतिक संरक्षण करने में प्रदेश सरकार फेल हो गई है। सरकार पर आरोप लगाते हुए पूर्व आईएफएस ने कहा कि शिमला डेवलपमेंट प्लान को लेकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के सामने गलत तथ्य पेश किए।वी पी मोहन ने शिमला के चिन्हित 17 ग्रीन बेल्ट इलाके में अवैध निर्माण होने का दावा किया है। वीपी मोहन ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के समय शिमला में 17 ग्रीन बेल्ट निर्धारित करने का प्लान बनाया गया था जिसमें निर्माण पर पाबंदी थी लेकिन अब वहां भी बहुमंजिला इमारतों बननी शुरू हो गई हैं। वीपी मोहन ने कहा कि वन विभाग मुख्यमंत्री के पास है उन्होंने अधिकारियों, मुख्यमंत्री और राज्यपाल से भी मुलाकात की लेकिन कोई एक्शन नहीं लिया गया। ऐसे में अभी प्रधानमंत्री से अपील करते हैं कि प्रधानमंत्री इसका संज्ञान लें। वर्तमान में शिमला में चल रहे स्मार्ट सिटी के कामों पर तुरंत रोक लगाई जानी चाहिए इससे शिमला स्मार्ट के बजाय स्लम बन गया है।पर्यावरण के क्षेत्र में हिमाचल भ्रष्टाचार का गढ़ बन गया है। ऐसे मे प्रधानमंत्री से मांग है कि वह वाडिया इंस्टीट्यूट आफ हिमालयन जियोलॉजी की सिफारशें और ईको टास्क फोर्स को हिमाचल में तैनात करें।

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