सितम्बर 26, 2024 8:24 अपराह्न | super computer

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परम रुद्र सुपरकंप्यूटिंग सिस्टम और मौसम तथा जलवायु के लिए एक उच्च प्रदर्शन कंप्यूटिंग सिस्टम का शुभारंभ  

 

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज शाम पुणे में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्‍यम से तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटर राष्ट्र को समर्पित किए। श्री मोदी ने मौसम और जलवायु अनुसंधान के लिए तैयार एक उच्चप्रदर्शन कंप्यूटिंगएचपीसी प्रणाली का भी शुभारंभ किया।

    इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने कहा कि परम रुद्र सुपर कंप्यूटर और एचपीसी प्रणाली के साथ, भारत कंप्यूटिंग में आत्मनिर्भरता और विज्ञान और तकनीक में नवाचार को बढ़ावा देने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति के युग में कंप्यूटिंग क्षमता राष्ट्रीय क्षमता का विकल्प बन रही है। आज विज्ञान और प्रौद्योगिकी की दुनिया में भारत के लिए बड़ी उपलब्धि का दिन है। यह यह भी दर्शाता है कि 21वीं सदी का भारत विज्ञान, प्रौद्योगिकी और अनुसंधान को प्राथमिकता देकर कैसे आगे बढ़ रहा है। श्री मोदी ने कहा कि ऐसा कोई क्षेत्र नहीं है जो सीधे प्रौद्योगिकी और कंप्यूटिंग क्षमताओं पर निर्भर नहीं है और इसमें भारत की हिस्सेदारी बिट्स और बाइट्स में नहीं बल्कि टेराबाइट्स और पेटाबाइट्स में होनी चाहिए। श्री मोदी ने कहा कि यह उपलब्धि साबित करती है कि देश सही दिशा में, सही गति से आगे बढ़ रहा है। यह सेक्टर इंडस्ट्री 4.0 में भारत की सफलता का सबसे बड़ा आधार है।

    श्री मोदी ने कहा कि सेमीकंडक्टर विकास का एक अनिवार्य तत्व बन गया है। केंद्र ने एक महत्वपूर्ण पहल, इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन शुरू की है और देश पहले से ही इसके सकारात्मक परिणाम देख रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत अपना स्वयं का अर्धचालक पारिस्थितिकी तंत्र विकसित कर रहा है, जो वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश का सपना वैज्ञानिक अनुसंधान के माध्यम से प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना है। श्री मोदी ने कहा कि भारत प्रौद्योगिकी की मदद से दुनिया और मानव जाति को सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध है और इस उद्देश्य के लिए डिजिटल इंडिया, स्टार्ट-अप इंडिया और गगनयान जैसी महत्वाकांक्षी परियोजनाएं शुरू की गई हैं।

    लगभग एक सौ 30 करोड़ रुपये मूल्य के तीन परम रुद्र सुपर कंप्यूटर, राष्ट्रीय सुपरकंप्यूटिंग मिशन के तहत स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं। वैज्ञानिक अनुसंधान को सुविधाजनक बनाने के लिए इन सुपर कंप्यूटरों को पुणे, दिल्ली और कोलकाता में स्‍थापित किया गया है।

 

 

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