निर्वाचन आयोग ने भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष जे.पी. नड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे को निर्देश दिए हैं कि वे पार्टी के प्रमुख प्रचारकों को ऐसे कोई भी बयान जिससे आदर्श आचार संहिता का उल्लंघन होता हो उससे बचने के लिए औपचारिक नोट जारी करें।
दोनों पार्टी अध्यक्षों को जारी किए गए पत्र में, आयोग ने कहा कि किसी भी पार्टी या उम्मीदवार को ऐसा भाषण नहीं देना चाहिए जिससे समाज में मतभेद पैदा हो और सांप्रदायिकता बढ़े। आयोग ने श्री नड्डा से कहा है कि वह अपनी पार्टी के प्रमुख प्रचारकों को समाज को बांटने वाले भाषण देने से बचने के निर्देश दें। केंद्र में सत्तारूढ़ दल के रूप में भाजपा से चुनाव अभियान को पूरी तरह से भारत के समग्र और संवेदनशील ढांचे के व्यावहारिक पहलुओं के अनुरूप बनाने के लिए कहा है।
आयोग ने कांग्रेस के प्रमुख प्रचारकों को अपने प्रचार में सेना के नाम का इस्तेमाल नहीं करने के लिए कहा है। आयोग ने श्री खरगे को यह भी कहा है कि वे अपने प्रमुख प्रचारकों को ऐसे भाषण देने के लिए रोके जिनमें ये कहा जा रहा है कि भारत का संविधान खत्म कर दिया जाएगा। आयोग ने कांग्रेस को भी अपने प्रचार अभियान को भारत के समग्र और संवेदनशील ढांचे के व्यावहारिक पहलुओं के अनुरूप बनाने के लिए कहा है।
आयोग ने कहा कि चुनाव प्रक्रिया पार्टियों के लिए सिर्फ चुनाव जीतने तक ही सीमित नहीं रहनी चाहिए बल्कि, मतदाताओं के लिए एक आदर्श भी बनना चाहिए।
आयोग ने प्रचारकों और उम्मीदवारों को चुनाव अवधि के दौरान शिष्टाचार बनाए रखने का निर्देश दिया है।
चुनाव प्रचार के दौरान दिए गए अनुचित बयानों के मामले में दोनों दलों द्वारा दायर शिकायतों के जवाब में ये निर्देश जारी किए गए हैं।