नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा सचिव भूपिन्दर सिंह भल्ला ने कल नीदरलैंड के रोटरडैम में विश्व हाइड्रोजन सम्मेलन 2024 में वैश्विक हाइड्रोजन अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने पर भारत के योगदान के महत्व पर जोर दिया। श्री भल्ला ने कहा कि भारत हरित हाइड्रोजन की मांग को पूरा करने में सक्षम है। उन्होंने नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर भारत के महत्व को दर्शाया और देश की नवीकरणीय ऊर्जा की कम लागत पर जोर दिया। उन्होंने राष्ट्रीय ऊर्जा मिश्रण में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के एकीकरण के भारत के एकीकृत ग्रिड बुनियादी ढांचे पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह एकीकृत ग्रिड स्थिरता और विश्वसनीयता को बढ़ाता है और नवीकरणीय ऊर्जा संयंत्रों की कुशलता को दर्शाता है। श्री भल्ला ने कहा कि भारत में कुशल इंजीनियर नवीकरणीय ऊर्जा और हरित हाइड्रोजन परियोजनाओं के सफल कार्यान्वयन के लिए कार्य कर रहे हैं।
श्री भल्ला ने कहा है कि गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतो से देश की बिजली क्षमता वर्ष 2030 तक पचास प्रतिशत तक बढने का अनुमान है और वर्तमान में देश की लगभग 43 प्रतिशत बिजली क्षमता गैर-जीवाश्म-ईंधन स्रोतों पर निर्भर है।