केंद्रीय कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने गर्मी की लहर और जंगल की आग से निपटने की तैयारियों की समीक्षा के लिए आज राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) की बैठक की अध्यक्षता की। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) और पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफसीसी) ने भीषण गर्मी और जंगल की आग की वर्तमान स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुतियां दीं, जिसमें देश भर में उनसे निपटने के लिए किये जा रहे उपाय भी शामिल थे।
बैठक के दौरान, कैबिनेट सचिव ने मुख्य सचिवों से गर्मी से निपटने के लिए तैयारियों को बढ़ाने के लिए अल्पकालिक, मध्यम अवधि और दीर्घकालिक उपायों की नियमित समीक्षा और निगरानी करने का अनुरोध किया। उन्होंने जल आपूर्ति के स्रोतों को बनाए रखने और इसे बढ़ाने के प्रयासों को तेज करने पर जोर दिया तथा सभी संस्थानों की अग्नि सुरक्षा का नियमित ऑडिट सुनिश्चित करने को कहा। श्री गौबा ने जंगल की आग से निपटने के लिए प्रारंभिक उपायों और वार्षिक अभ्यास की एक नियमित प्रणाली बनाने की आवश्यकता भी जताई।
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन समिति ने यह भी बताया कि राज्यों को नियंत्रण कक्ष सक्रिय करने, लू के लिए मानक संचालन प्रक्रियाओं को लागू करने, पीने के पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करने और स्वास्थ्य सुविधाओं की तैयारी सुनिश्चित करने की सलाह दी गई।
राज्यों को यह भी सलाह दी गई है कि वे नियमित रूप से स्कूलों, अस्पतालों और अन्य संस्थानों की अग्नि सुरक्षा ऑडिट करें और आग की स्थिति में जल्द से जल्द कार्रवाई करें। जंगल की आग प्रबंधन पर पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने बताया कि मोबाइल एसएमएस और ईमेल के माध्यम से जंगल की आग के संबंध में चेतावनी नियमित रूप से प्रसारित की जा रही है। राज्यों और अन्य एजेंसियों की सहायता के लिए भारतीय वन सर्वेक्षण द्वारा वन अग्नि (VAN AGNI) नामक चेतावनी प्रणाली पोर्टल भी विकसित किया गया है।