कर्नाटक राज्य मंत्रिमंडल ने राज्य के भीतर जांच करने के लिए केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो-सीबीआई के लिए अपनी सहमति वापस लेने का फैसला किया है। मीडियाकर्मियों को जानकारी देते हुए कानून मंत्री एच.के. पाटिल ने कहा कि यह फैसला विपक्ष के खिलाफ सीबीआई की ‘पक्षपातपूर्ण’ कार्रवाई को रोकने के लिए किया गया है।
जब उनसे पूछा गया कि क्या मंत्रिमंडल के फैसले के पीछे मुख्यमंत्री से जुड़ा मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण-एमयूडीए का मामला था तो उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया पर लगे भूमि घोटाले के आरोपों से इसका कोई संबंध नहीं है।