भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड के अध्ययन के अनुसार इक्विटी नकदी खंड में 70 प्रतिशत से अधिक व्यक्तिगत इंट्रा-डे व्यापारियों को 2022-23 में घाटा हुआ है। अध्ययन में वित्त वर्ष 2018-19 की तुलना में वित्त वर्ष 2022-23 में इक्विटी नकदी खंड में इंट्रा-डे ट्रेडिंग करने वाले व्यक्तियों की संख्या में 300 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि हुई।
रिपोर्ट के अनुसार, इक्विटी नकदी खंड में व्यापार करने वाला लगभग तीन में से एक व्यक्ति इंट्राडे व्यापार करता है। रिपोर्ट में कहा गया है कि घाटे में रहने वाले व्यापार की औसत संख्या लाभ कमाने वाले व्यापारों की तुलना में अधिक है। बोर्ड ने पाया कि, 30 वर्ष से कम आयु वाले युवा इंट्रा-डे व्यापारियों की हिस्सेदारी 2018-19 की तुलना में 2022-23 में 48 प्रतिशत तक बढ़ गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में अन्य आयु समूहों की तुलना में युवा व्यापारियों में घाटा उठाने वालों का प्रतिशत 76 प्रतिशत था।